हँस के बीमार कर दिया देखो, तुम ने अच्छी भली उदासी को -स्वप्निल तिवारी
स्वप्निल जी........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
बहुत ही खूबसूरत शब्दों का संगम
वाह ……क्या बात कही है।
नज़्म की कुंडी पहले ... नज़्म सूरज चाँद धूप छाँव सब लिए आती है
क्या बात है ...वाह..
वाह क्या बात है , बहुत खुबसूरत.....
स्वप्निल जीबहुत ही सुंदर रचना .
बहुत खूब! कुछ शब्दों में बहुत कुछ कह दिया..
वाह क्या उजाला है शुभकामनाये
सुंदर नज़्म।
just beautiful...love it.
इधर भी उजाला हुआ तुम्हारी नज़्म का ;)
awwwwww........daddyyyyyyyyyyyyy ;)
वाह बहुत खूब ...बहुत सुन्दर
love this....
लिखने का मूड बनाने के लिए इतना ही काफी है ....शायद उस उजाले में कोई नज़्म पनप जाए
मीठी सी सुबह :)
:))
हो गया उजाला…… :)कैसे हैं गुरु ??
Main accha hun ravi...tum kaise ho?
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वाह, चमत्कृत करती पंक्तियां।
:)
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23 टिप्पणियां:
स्वप्निल जी........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
बहुत ही खूबसूरत शब्दों का संगम
वाह ……क्या बात कही है।
नज़्म की कुंडी पहले ... नज़्म सूरज चाँद धूप छाँव सब लिए आती है
क्या बात है ...वाह..
वाह क्या बात है , बहुत खुबसूरत.....
स्वप्निल जी
बहुत ही सुंदर रचना .
बहुत खूब! कुछ शब्दों में बहुत कुछ कह दिया..
वाह क्या उजाला है
शुभकामनाये
सुंदर नज़्म।
just beautiful...love it.
इधर भी उजाला हुआ तुम्हारी नज़्म का ;)
awwwwww........daddyyyyyyyyyyyyy ;)
वाह बहुत खूब ...बहुत सुन्दर
love this....
लिखने का मूड बनाने के लिए इतना ही काफी है ....शायद उस उजाले में कोई नज़्म पनप जाए
मीठी सी सुबह :)
:))
हो गया उजाला…… :)
कैसे हैं गुरु ??
Main accha hun ravi...tum kaise ho?
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वाह, चमत्कृत करती पंक्तियां।
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