कैसी कैसी ख़ूबसूरत कितनी प्यारी मछलियाँ
जाल में पानी के फँस जाती हैं सारी मछलियाँ
शाम होते ही उदासी चल पड़ी चुनने उन्हें
दिन के साहिल पर पड़ी हैं ग़म की मारी मछलियाँ
दिन के साहिल पर पड़ी हैं ग़म की मारी मछलियाँ
दिल के दरिया में जो आई शाम चारा फेंकनें
सत्ह पर आने लगीं यादों की सारी मछलियाँ
सत्ह पर आने लगीं यादों की सारी मछलियाँ
अश्क गर सूखे तो सारे ख़ाब मारे जायेंगे
सह नहीं पाएंगी इतनी अश्कबारी मछलियाँ
सह नहीं पाएंगी इतनी अश्कबारी मछलियाँ
इक जज़ीरा बस वही सारे समंदर में है पर
ताक में बैठी हुई हैं वां शिकारी मछलियाँ
ताक में बैठी हुई हैं वां शिकारी मछलियाँ
ख़ुश नहीं हूँ पार करके भी तुम्हे मैं जाने क्यूँ
ओ समंदर ! याद आती हैं तुम्हारी मछलियाँ
ओ समंदर ! याद आती हैं तुम्हारी मछलियाँ
کیسی کیسی خوبصورت کتنی پیاری مچھلیاں
جال میں پانی کے پھنس جاتی ہیں ساری مچھلیاں
جال میں پانی کے پھنس جاتی ہیں ساری مچھلیاں
شام ہوتے ہی اداسی چل پڑی چننے انھیں
دل کے ساحل پر پڑی ہیں غم کی ماری مچھلیاں
دل کے ساحل پر پڑی ہیں غم کی ماری مچھلیاں
دل کے دریا میں جو آی شام چارہ پھینکنے
سطح پر آنے لگیں یادوں کی ساری مچھلیاں
سطح پر آنے لگیں یادوں کی ساری مچھلیاں
اشک گر سوکھے تو سارے خواب مارے جائنگے
سہ نہیں پائنگی اتنی اشکباری مچھلیاں
سہ نہیں پائنگی اتنی اشکباری مچھلیاں
اک جزیرہ بس وہی سارے سمندر میں ہے پر
تاک میں بیٹھی ہی ہیں واں شکاری مچھلیاں
تاک میں بیٹھی ہی ہیں واں شکاری مچھلیاں
خوش نہیں ہوں پار کرکے بھی تمہیں میں جانے کیوں
او سمندر ! یاد آتی ہیں تمھاری مچھلیاں
-swapnil-
او سمندر ! یاد آتی ہیں تمھاری مچھلیاں
-swapnil-
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