रंग में तेरे रंगी हो वो उदासी लाऊँ
तुझ से वाबस्ता कोई और कहानी लाऊँ
घूम फिर कर मुझे याद आना है इक वो ही शख़्स
अब कहाँ से मैं कोई दूसरा माज़ी लाऊँ
पहले तो ध्यान में लाऊँ तिरा उजला चेहरा
फिर गुमाँ में मैं तिरी नर्म सदा भी लाऊँ
इस जज़ीरे पे मिरे क़त्ल का इलज़ाम तो है
पर कहाँ से मैं समंदर की गवाही लाऊँ
तब कहीं जा के मसाइल मैं सुनूँ अपने भी
ख़ुद से मिलने पे सिफ़ारिश जो तुम्हारी लाऊँ
देर तक ठहरेगा दुःख का ये ज़रा सा लम्हा
अब बता कैसे कहानी में रवानी लाऊँ
तेरे साये की सदा से वो अचानक भर जाय
धूप का कासा मैं तेरे लिए ख़ाली लाऊं
رنگ میں تیرے رنگی ہو وو اداسی لاؤں
تجھ سے وابستہ کوئی اور کہانی لاؤں
گھوم پھر کر مجھے یاد آنا ہے اک وو ہی شخص
اب کہاں سے میں کوئی دوسرا ماضی لاؤں
پہلے تو دھیان میں لاؤں ترا اجلا چہرہ
پھر گماں میں میں تری نرم صدا بھی لاؤں
اس جزیرے پہ مرے قتل کا الزام تو ہے
پر کہاں سے میں سمندر کی گواہی لاؤں
تب کہیں جا کے مسائل میں سنوں اپنے بھی
خود سے ملنے پہ سفارش جو تمھاری لاؤں
دیر تک ٹھہرے گا دکھ کا یہ ذرا سا لمحہ
اب بتا کیسے کہانی میں روانی لاؤں
ترے سائے کی صدا سے وو اچانک بھر جائے
دھوپ کا کاسہ میں تیرے لئے خالی لاؤں
-Swapnil Tiwari-
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें