मंगलवार, 30 अगस्त 2016

इंतज़ार सुर है इक/انتظار سر ہے اک

इंतज़ार सुर है इक
मुद्दतों जो इक लय में
खामुशी से बजता है ...
दूर-पास की चापें
तेज़-धीमी हर आहट
दस्तकें जो दर पे हुईं
और जो नहीं भी हुईं
बोल हैं जो इस सुर में
वक़्त भरता रहता है
उम्र चलती रहती है
गीत बनता रहता है.....




انتظار سر ہے اک
مدّتوں جو اک لے میں
خامشی سے بجتا ہے
دور پاس کی چاپیں
تیز دھیمی ہر آہٹ
دستکیں جو دار پہ ہوئیں
اور جو نہیں بھی ہوئیں
بول ہیں جو اس سر میں
وقت بھرتا رہتا ہے
امر چلتی رہتی ہے
گیت بنتا رہتا ہے
-Swapnil-

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